गाड़ी वाले मने बिठाले भजन लिरिक्स
।। दोहा ।।
मुरलीधर की बांसुरी, सुना रही है तान।
घर से निकली राधिका, छोड़ साज सामान।
~ गाड़ी वाले मने बिठाले ~
गाड़ी वाले मने बिठाले।
एक बार गाड़ी थाम,
भगत में हार गया।
नरसी जी यु कहन लगे,
गाड़ी मेरी पुरानी है।
वो बोल्या में ठीक करूँगा,
मेरे संग छयानी है।
खाती मेरी जात है,
और किसना मेरा नाम।
भगत में हार गया। (टेर)
गाड़ी लगे सुधारण को,
ले हाथ में आरी थी।
टूटी गाड़ी नरसी हर ने,
पल के बिच सुधारी थी।
वो बोल्या में भजन सुना दू,
नहीं मेरे पास दाम।
भगत में हार गया। (टेर)
सोलह साधु संग लिए वो,
हर की फेर लिए माला।
पवन समान गाड़ी चलती थी,
प्रभु बन गए थे गड़वाला।
कही गड़वाल कही रखवाला,
आप बने भगवान।
भगत में हार गया। (टेर)
श्री कृष्ण ने हाथ लगाया,
बेलो में बल आया था।
थोड़ी देर में नरसी भगत,
कोस हजार पहुंचाया था।
वो बोला में जाता हु,
मने जरुरी काम।
भगत में हार गया। (टेर)
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