गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा भजन लिरिक्स

    गणेश जी भजन संग्रह

    गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा भजन लिरिक्स

    गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा जी,
    म्हारा काटो कष्ट कलेश गणेश हमेश मनावा जी ||


    एक दन्त सिर चंद्रमा जी विघ्न हरण गणराज,
    गले जनेउ शेष है जी सुर सेना सिर ताज ||


    थारे चरणां सिर नावाँ जी
    दुन्दाला दुःख भंजना जी सुन्डाला सुख मूल,
    दोष दूर सिंदूर करे जी विघ्न विडारे शूल,
    ध्यान चित माय लगावां जी ||


    मोदक मुद मंगल करे जी पाश विनाशै पाप,
    अभय दान सबने देवो जी चढ़ मूषक पर आप,
    सुमर थाने सुख पांवा जी ||


    जातक उभ्या बारणे जी अरज करे दातार,
    दाता टुथ्यो सांवठो जी रिद्ध सिद्ध भरो भंडार,
    "शम्भू" थारी कीरत गांवा जी ||

    बोल गजानंद भगवान की जय

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