Gwalida Tu Koni Jaane Peer Parai Lyrics | ग्वालिड़ा तू कोनी जाने पिड़ परायी
Gwalida Tu Koni Jaane Peer Parai Lyrics | ग्वालिड़ा तू कोनी जाने पिड़ परायी
ग्वालिड़ा तू कोनी जाने पिड़ परायी
पिड़ परायी रे प्रीत परायी !!
बेठ कदम पर साँवरो बंसी बजायी जी
(रे मेवाड़ी राणा रे) सब गाय न घिर आयी !!
चोर चोर दही माखन खायो जी
(रे मेवाड़ी राणा रे) ब्रज की नार डराई !!
जनमत ही कुल त्यारण कहियो जी
(रे मेवाड़ी राणा रे) मात-पिता , गुरु भाई !!
राजा माधोसिंह जी रा कुवर प्रताप सिंघजी
(रे मेवाड़ी राणा रे)सब मिल सोरठ गाई !!
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Gwalida Tu Koni Jaane Peer Parai Lyrics In English
Gwalida tu koni jaane peed paraayi,
Peed paraayi re, preet paraayi!!
Baith kadam par saanwaro bansuri bajaayi ji,
(Re Mewadi Raana re) sab gaay na ghir aayi!!
Chor chor dahi makhan khaayo ji,
(Re Mewadi Raana re) Braj ki naar daraayi!!
Janmat hi kul tyaaran kahiyo ji,
(Re Mewadi Raana re) maat-pita, guru bhai!!
Raaja Madhosingh ji ra kunwar Pratap Singh ji,
(Re Mewadi Raana re) sab mil Sorath gaayi!!
FAQs (Gwalida Tu Koni Jaane Peer Parai Lyrics In English):
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“Gwalida Tu Koni Jaane Peer Parai” का अर्थ क्या है?
उत्तर: यह भजन बताता है कि कोई दूसरे का दर्द नहीं समझ पाता; विदेशी प्रेम और वेदना की व्याख्या है। -
यह भजन किस राग में लिखा गया है?
उत्तर: यह भजन राग सोरठ (Raag Sorath) में रचित है, जो राजस्थानी भक्ति में लोकप्रिय है। -
यह भजन किसने लिखा या गाया?
उत्तर: यह एक पारंपरिक भजन है, अक्सर स्थानीय भजन ग्रंथों और गायकों द्वारा गायन किया जाता है|
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