श्री रति नाथजी भजन लिरिक्स लिखित में

कानुड़ा थारी लागे छवि प्यारी भजन लिरिक्स

कानुड़ा थारी लागे छवि प्यारी भजन लिरिक्स

कानुड़ा थारी लागे छवि प्यारी
बिरज म बाँसुरी बाज़ी ।।

मीरां महला उतरी रे, छापा तीलक लगाय।
बतलाई बोल न हीं रे, राणों रयों रिझाय रे। (1)

मीरा ऊभी गोखडे रे, उंटा कसीयो भार।
दाव छोडयों मेडतो रे, सीदी पुष्कर जाय रे। (2)

जहर पीयालो राणों भेजीयो रे, दयो मीरां न जाय।
कर चरणा मृत प़ी गयी रे, थे जानों यदुनाथ रे। (3)

सर्प पिटारो राणों भेजियो रे, दयो मीरां न जाय।
खोल पिटारो मीरां पेरीयो रे, बनग्यों नोसर हार रे। (4)

राणों मीरां पर कोपियों रे, सूत लयी तलवार।
मारया प्रायछित लागसि रे, पीवर दयो पहुचाय रे। (5)

मीरां हर की लाडली रे, राणों बन को ठूंठ।
समझाया समझयो नही रे, ले ज्याति बेकुंट रे। (6)

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