श्री रति नाथजी भजन लिरिक्स लिखित में

चाच पॉख बीन काया देखी भजन लिरिक्स

चाच पॉख बीन काया देखी भजन लिरिक्स

चाच पॉख बीन काया देखी
हँस नजर कोनी आयो ले सादो भाई!!


बीन पेड़ एक दरखत देखा, पता नजर नहीं आया!
मेरा सतगुरू ऐसा बरंगी, छाया बैठ फल खाया!!


बीन पाल एक सरवर देखा, नीर नजर नहीं आया!
मेरा सतगुरू ऐसा बरंगी, माय बैठ मल नहाया॥


बीना नीम एक मन्दिर देखा, छजा नजर नहीं आया!
बी मन्दिर में जोगी तापे, बीरला दर्शन पाया॥


बी जोगी के पॉंच पुत्र हैं, पचीसों जोगन लाया!
कहे कबीर सुनो भाई साधो, बेटी बाप न जाया॥

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